तुम चले गए तो,
सूना होगा वृन्दावन
यमुना सूनी हो जाएगी
नन्द भवन होगा सूना
सूनी ब्रज कहलाएगी
सूनी ये माखन बिन मटकी
सूने होंगे मार्ग सभी
सूने होगे ग्वाल बाल जो
लूटा करते छाछ कभी
सूनी होगी नैनों की चितवन
और सूना श्रृंगार आधार
होली भी सूनी होगी
सूने होंगे सारे त्यौहार
तुम चले गए तो कान्हा,
उषा बेला सुबह सुबह
क्यों मंगल गान सुनाएगी
बिलोकिं निरंतर कमल नयन को
मैया किसे जगाएगी
क्या होगा गोशाला में रहते
गोविन्द बिना गइयों का हाल
बछड़ों के खुर से किलकारित
किसका करेंगी लाड दुलार
अपनी मटकी भर माखन
हम क्यों फिर ले आएँगी
तुम्हारी वंशी को सुनने को
क्यों कोई गोपी इताराएगी ?
अपनी सौतन मान किसे हम
तुमपर रोष दिखाएंगी ?
तुम चले गए तो कान्हा,
ये बौराई पुरवाई फ़िर
तुम्हारा संदेशा ना लाकर देगी
फिर तो शरद पूनम भी हमको
अमावास सदृश दिखाई देगी
हमारा ये हिय पिय बिन फिर
एक पतझर ऋतू बन जायगी
विरहिन के इस पतझर उर में
फिर बसंत न आएगी I
केसरी वन डालों पर बैठी
कोई कोयल न गाएगी I
उड़ते भौरों का गायन सुन
न कोई सुमन मुस्काएगी
गो धूलि बेला में फिर हम
किसका राह निहारेंगी
प्रिय को रिझाने के लिए
क्यों अपना केश सवारेंगी
तुम चले गए तो कान्हा,
स्मरण कर इन अधरामृत को
फफक फफक कर रो हम लेंगी
फूटे भाग्य करम थे मेरे
सोच विरह ये सह हम लेंगी
किससे बांटेगी हम सब
उठते हुए हृदय कि पीर
नयनों से आंसू बहेंगे ऐसे
जैसे बहता यमुना का नीर
समझ हमारे विरह व्यथा को
तुम हम पर दया दिखाओ
प्रियतम प्राण सखा भी तुम हो
न हमें अनाथ बनाओ
करो आनंदित हम विरहिन को
तुम मधुर तान बजाओ
श्यामानंद विनती चरणों में
हे प्रियतम तुम मत जाओ
Aarti 🙏 awesome poem. Very nice lines... Hare krishna 🙏🙏
जवाब देंहटाएं👏👏😊😊 wow nice poem and nice write. It's mesmerizing to feel the true love with Krishna. Hare Krishna 🙏
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएंThank you pr
जवाब देंहटाएंReally beautiful prabhuji.. Lord must be so happy reading that
जवाब देंहटाएंThnak you pr ji. Please pray for me.
हटाएंvirah bhav
जवाब देंहटाएंplease bless me pr. kash krishna ke liye ye vipralambh bhav mere andar aa jaye.
हटाएंReally charming pr ji in my heart .thanks pr ji for these poem.
जवाब देंहटाएंVery good written . Thank you for sharing to me.
जवाब देंहटाएंThank you pr ji
हटाएंReally nice prabhu ji
जवाब देंहटाएंThank you pr ji
हटाएंvery nice prabhu ji
जवाब देंहटाएंThank you pr ji
जवाब देंहटाएंVery nice poem, hum sabhi ke bhav us poem se aa age
जवाब देंहटाएंआह! ये आर्त मनुहार हृदय को भेद रहा है । अति अति सुन्दर ... आनंदमय ।
जवाब देंहटाएंThanks a lot..... मेरी रचना आपके सामने तो सागर समक्ष बूँद सामान है I
हटाएंBahut Sundar,,,Hare Krishana,,,,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंधन्यवाद
हटाएंBest 👍 sir
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