आओ बच्चों
तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मिडिया की
घर बैठे हम दर्शन
करते सब लोगों के दुनिया की
क्या खाया और
पहना हमने सबको तो ही बतलाते
छोड़ ह्रदय की
बातें हम तो चेहरे को ही दिखलाते
संस्कार हमारे
हमें छोडकर लोगों तक हैं पहुँच रहे
इन्स्टाग्राम
फेसबुक के बदले खुद को हैं हम बेच रहे
बात करें भारत भविष्य की और लोगों के दुनिया की
आओ बच्चों
तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मिडिया की
इससे ही दिन
होता है और इससे ही होती है रात
बन्दर जैसे
फोटो खिचवाया तब शायद बनती है बात
लाईक कमेन्ट
शेयर देखने को हम कितने रहते बेचैन
टिकटोक पर
फोलोवर्स नहीं तो क्यूँ आये एक पल भी चैन
पब जी से
बर्बाद हो रही चर्चा बच्चों के दुनिया की
आओ बच्चों
तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मिडिया की
माँ के हाथ का
खाना अब तो स्विगी ज़ोमटो में बदल गया
समूह में
शौपिंग भी अब एमेजोंन फ्लिप्कार्ट में ढल गया
एक ही छत के नीचे
देखो तो फेसबुक की दीवार खडी
अंगूठा छाप
दुनिया थी पहले फिर अंगूठे पर आ पड़ी
संस्कार छोड़कर होती है बात ट्विट्टर के दुनिया की
आओ बच्चों
तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मिडिया की
मेरी मानो दूर
हो जाओ यह एक सुन्दर छल है
खुद की बर्बादी
में शामिल ये नहीं कोई हल है
हिन्दू मुस्लिम
सिक्ख इसाई दुश्मन यही से बनते हैं
वर्ना समाज में
भाईचारा और मानवता ही बसते हैं
श्यामानंद देखूं कैसे दुर्दशा बच्चों के दुनिया की
आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मिडिया की
Good and realistic line.
जवाब देंहटाएंHare Krishna
जवाब देंहटाएंIt's showing the interference of social media in our life.
Very nice composition.
👍👍👍👍👍
यू आर ग्रेट सर,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है आपने सोशल मीडिया से जो परिवर्तन आ रहा है हमारे दिनचर्या में उसके बारे में
👌👍👍👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंSplendid
जवाब देंहटाएंThanks a lot
हटाएंYou depicted realistic face of modern and so called advanced society. Great creativity of thoughts.
जवाब देंहटाएंThank you pr ji
हटाएंThank you pr ji
हटाएंHare krishna pr .
जवाब देंहटाएंYour words will change someone's life if you follow your poems .
How desperate we are to see like comment shares.***
these are nice words .that is to say...thanks..
yes , its true picture of social media, very nicely described
जवाब देंहटाएंThank you pr
हटाएंमनमोहक , मननीय झाँकी ।
जवाब देंहटाएं💯👌
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